Description
मैं निमित जैन, एन. जे. ग्रुप का संस्थापक, एन.सी.सी कैडेट एवं टैगोर पब्लिक स्कूल, वैशाली नगर का विद्यार्थी हूं। मेरा जन्म 8 सितंबर 2008 को गुलाबी नगरी जयपुर में हुआ। मैंने मेरे पिता श्रीमान सुनील कुमार जैन एवं माता श्रीमती प्रियंका जैन,, विद्यालय के शिक्षकों एवं मित्रो के द्वारा प्रोत्साहन पर मैने 2022 में लिखना आगे बढ़ाया और इस पुस्तक का लेखन किया।
पढ़ कर भी देख ले
इतना सबकुछ देख लिया,
अब पढ़ के भी देखले।
या तो पहुँच जाएगा, किसी मुकाम पर,
या फिर वापिस, किसी छोटी दुकान पर।।
पढ़ के मिल जाएगी इज्जत,
वरना होते रहना,फिर लोगों से बेइज्जत।
पढ़ते समय कुछ मुश्किले भी आएंगी,
वही तुझे और बेहतर बना जाएगी।।
घर की हालत देख ली,
दुनिया के लोग देख लिए,
इतना सबकुछ देख लिया,
अब पढ़ के भी देखले।
किसी ने क्या खूब कहा है,
जब आँखो मे अरमान लिया,
मंजिल को अपना मान लिया,
तो फिर मुश्किल क्या और आसान क्या,
बस ठान लिया तो ठान लिया।
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