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अनकहे एहसास जैसे खिलता गुलाब

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अनकहे एहसास जैसे खिलाता गुलाब यह कविताएं एवं नई शायरी का संग्रह हैं जिसके लेखक विनय पाटीदार जी हैं। इन्होंने वर्ष 2012 से लिखना प्रारंभ किया था। इनका बहुत ही सरल एवं सहज प्रकार का व्यक्तित्व है, यह दुनियां और समाज को वास्तविकता के नजरिए से देखते, समझते एवं लिखते है। जैसा कि आप किताब के माध्यम से ही जान सकेंगे की लेखक की कलम में करुणा और प्रेम का निरन्तर प्रवाह हैं। द्वेष, क्रूरता और अंधकारमय बुराइयों को प्रेम से ही जीता जा सकता है, यह किताब का उद्देश्य भी यही है कि इंसान के अंतर्मन प्रेम जागे और इस खुबसूरत जीवन का आनंद ले। विनय पाटीदार जी मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से कस्बे ग्राम गांवसन में प्रारंभिक जीवन व्यतीत किया और मूलतः अकावल्या के निवासी है। प्रारंभिक शिक्षा खरगोन जिले के ग्राम गांवसन में एवं स्नातक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से की है साथ ही कम्प्यूटर की शिक्षा भी ग्रहण की इनकी माता का नाम श्रीमती नर्मदा पाटीदार और पिता का नाम श्री कैलाश पाटीदार जी हैं। यह निम्न मध्यम वर्ग परिवार से आते है, यह बचपन से ही अपने नाना-नानी के पास रहे और अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, अनकहे एहसास जैसा खिलता गुलाब इनका पहला कविता संग्रह है।

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