Description
सतीश “बब्बा” की हालांकि सभी पुस्तकें, पठनीय और संग्रहणीय हैं, लेकिन यह पुस्तक “गरीबा” अपने – आप में अनूठी है। यह कविता और लघुकथाओं का अनूठा संग्रह ऐसा लगता है कि, शुरू किया है तो अंत तक पढ़े बिना चैन नहीं आता।
इसकी अनूठी रचनाओं में ऐसा लगता है कि, हमारी अपनी ही कहानी लिखी गई है। हमारे आस – पास की ही रचना, रचना के रूप में इसमें सम्मिलित की गई हैं।
लेखक आपका प्यार और स्नेह पाकर बहुत ही खुश है और सभी पाठकों का हृदयाभारी है।
Reviews
There are no reviews yet.